बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया को लेकर छात्रों का आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। इस मुद्दे पर पटना में हुए व्यापक प्रदर्शनों में खान सर की सक्रिय भूमिका ने इस घटना को और चर्चा का विषय बना दिया है। खान सर, जो कि बिहार के एक लोकप्रिय शिक्षक हैं, छात्रों के समर्थन में खड़े हुए हैं और उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया को रद्द किया जाए।
क्या है पूरा मामला?
BPSC ने हाल ही में अपनी परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया को लागू करने का फैसला किया है। छात्रों का मानना है कि यह प्रक्रिया उनके साथ अन्याय है और इससे कई मेधावी छात्रों का सिलेक्शन नहीं हो पाएगा। छात्रों का कहना है कि नॉर्मलाइजेशन से परीक्षा के परिणामों में हेरफेर हो सकता है और यह एक पारदर्शी प्रक्रिया नहीं है।
खान सर की भूमिका
खान सर ने इस मुद्दे पर छात्रों का समर्थन करते हुए कहा है कि नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया से छात्रों का भविष्य खराब हो सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार को छात्रों की मांगों पर गौर करना चाहिए और नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया को रद्द करना चाहिए। खान सर ने छात्रों के साथ मिलकर प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन भी किया।
पुलिस की कार्रवाई
खान सर और छात्रों के प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने हस्तक्षेप किया और कुछ छात्रों को हिरासत में लिया गया। हालांकि, बाद में सभी छात्रों को छोड़ दिया गया। खान सर को भी हिरासत में लेने की खबरें आई थीं, लेकिन बाद में पुलिस ने इस खबर का खंडन किया।
राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया
इस मुद्दे पर कई राजनीतिक दलों ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। विपक्षी दलों ने सरकार पर छात्रों के हितों के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है। वहीं, सत्तारूढ़ दल ने कहा है कि वह छात्रों की समस्याओं के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है।
क्या होगा आगे?
यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में आगे क्या होता है। छात्रों का आंदोलन लगातार जारी है और उन्होंने सरकार से मांग की है कि वह उनकी मांगों को मान ले। वहीं, सरकार भी इस मामले को सुलझाने की कोशिश कर रही है।
निष्कर्ष
BPSC परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया को लेकर छात्रों का आक्रोश एक गंभीर मुद्दा है। यह मुद्दा न केवल बिहार बल्कि पूरे देश के लिए एक मिसाल है। सरकार को इस मामले में छात्रों की मांगों पर गौर करना चाहिए और एक पारदर्शी और निष्पक्ष समाधान निकालना चाहिए।